Ticket Booking New Rule – भारतीय रेलवे देश का सबसे बड़ा और व्यस्ततम परिवहन माध्यम है, जिसका हर दिन लाखों लोग सफर के लिए इस्तेमाल करते हैं। खासकर स्लीपर क्लास वो कैटेगरी है, जिसमें सबसे ज्यादा यात्री सफर करते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से वेटिंग टिकट की बढ़ती संख्या और यात्रियों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने स्लीपर क्लास टिकट बुकिंग सिस्टम में बड़े बदलाव किए हैं। अगर आप भी ट्रेन में सफर करने वाले हैं, तो ये नया नियम जानना आपके लिए बेहद जरूरी है, नहीं तो आखिरी वक्त में परेशानी हो सकती है।
अब वेटिंग टिकट बुकिंग पर ब्रेक लगेगा
रेलवे ने यह फैसला लिया है कि अब किसी भी ट्रेन में रिजर्व कोटे से 25% से अधिक वेटिंग टिकट बुक नहीं किए जाएंगे। यानी ट्रेन में जितनी सीटें हैं, उसके मुकाबले वेटिंग टिकट की संख्या सीमित की जाएगी। जैसे ही ये लिमिट पूरी हो जाएगी, उसके बाद उस कोटे में “नो रूम” का स्टेटस दिखने लगेगा। इससे अनावश्यक वेटिंग टिकट कटने पर रोक लगेगी और यात्रियों को ये अंदाजा पहले से हो सकेगा कि उन्हें सीट मिलने की संभावना है या नहीं।
तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार और OTP जरूरी
अब रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में भी कड़ाई कर दी है। 1 जुलाई 2025 से IRCTC अकाउंट का आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी कर दिया गया है। यानी अगर आपका IRCTC अकाउंट आधार से लिंक नहीं है, तो आप तत्काल टिकट नहीं बुक कर पाएंगे। इसके साथ ही 15 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुक करते समय मोबाइल OTP वेरिफिकेशन भी जरूरी हो जाएगा। यह सिस्टम फ्रॉड और फर्जी बुकिंग को रोकने के लिए लागू किया गया है।
एजेंट के लिए भी नए प्रतिबंध
रेलवे टिकट एजेंटों द्वारा तत्काल टिकट बुकिंग में गड़बड़ियों की कई शिकायतें आती रही हैं। इसी को देखते हुए रेलवे ने अब तय किया है कि कोई भी एजेंट ट्रेन के खुलने के पहले 30 मिनट तक तत्काल टिकट बुक नहीं कर सकेगा। इससे आम यात्रियों को पहले बुकिंग करने का मौका मिलेगा और एजेंट के जरिए हो रही ब्लैक मार्केटिंग पर रोक लगेगी।
वेटिंग टिकट का अपग्रेडेशन सिस्टम भी बदला
अब रेलवे ने स्लीपर क्लास और अन्य क्लासों के टिकट अपग्रेडेशन में भी कुछ सीमाएं तय की हैं। जैसे अब स्लीपर क्लास का टिकट केवल दो श्रेणियों तक ही अपग्रेड किया जा सकता है। यानी स्लीपर क्लास से केवल थर्ड AC या सेकंड AC तक ही अपग्रेड मिलेगा। स्लीपर क्लास से सीधे फर्स्ट AC में अपग्रेडेशन अब संभव नहीं होगा। वहीं थर्ड AC के टिकट को फर्स्ट AC तक अपग्रेड किया जा सकता है, लेकिन वह भी उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
चार्ट बनने की प्रक्रिया में भी बदलाव की तैयारी
रेलवे अब एक नई व्यवस्था पर काम कर रहा है, जिसके तहत ट्रेन के चलने से 24 घंटे पहले ही चार्ट तैयार कर लिया जाएगा। इससे यात्रियों को यह पहले से ही पता चल जाएगा कि उनका टिकट कन्फर्म हुआ है या नहीं। फिलहाल चार्ट डिपार्चर से कुछ घंटे पहले बनता है, जिससे यात्रियों को आखिरी वक्त तक असमंजस की स्थिति बनी रहती है। नया सिस्टम लागू होने के बाद यह परेशानी भी काफी हद तक दूर हो जाएगी।
नए बदलावों का मकसद क्या है?
इन सारे नए नियमों का उद्देश्य एक ही है – रेलवे बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाना। वेटिंग टिकट की भरमार, एजेंटों की मनमानी और टिकट फ्रॉड जैसी समस्याओं से निपटने के लिए रेलवे ने ये ठोस कदम उठाए हैं। खासकर आम यात्री, जो हर दिन स्लीपर क्लास में सफर करते हैं, उनके लिए यह सिस्टम अधिक स्पष्ट और सरल साबित हो सकता है।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सूचना और सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए नियम और तारीखें भारतीय रेलवे की आधिकारिक घोषणाओं पर आधारित हैं। किसी भी अपडेट या बदलाव के लिए रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या IRCTC पोर्टल पर समय-समय पर जानकारी अवश्य जांचें।