Petrol Diesel Price – अगर आपकी जेब में कार की चाबी है और आप रोज़ ऑफिस या मार्केट जाते हैं, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें आपके बजट पर सीधा असर डालती हैं। जून का महीना वैसे ही खर्चों से भरा होता है – बच्चों की स्कूल फीस, बिजली का मोटा बिल, और ऊपर से गर्मी में AC चलाने की मजबूरी। ऐसे में अगर फ्यूल की कीमतें बढ़ जाएं तो जेब और भी ढीली हो जाती है। लेकिन राहत की बात ये है कि 19 जून 2025 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट
अब बात करें देश की राजधानी दिल्ली और वित्तीय राजधानी मुंबई की, तो यहां पेट्रोल और डीजल के रेट स्थिर बने हुए हैं। दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर मिल रहा है, वहीं मुंबई में पेट्रोल ₹104.19 और डीजल ₹92.13 प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। अगर आप इन दो शहरों के बीच सफर करने की सोच रहे हैं या किसी काम से आना-जाना हो रहा है, तो बेहतर होगा कि पहले से फ्यूल खर्च का अंदाज़ा लगा लें।
भारत में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल कहां मिलता है?
अब बात करते हैं उन जगहों की जहां पेट्रोल और डीजल सबसे सस्ता मिलता है। भारत में सबसे सस्ता फ्यूल पोर्ट ब्लेयर (अंडमान-निकोबार) में मिलता है। यहां पेट्रोल ₹82.46 और डीजल ₹78.05 प्रति लीटर मिल रहा है। इसके अलावा कुछ शहरों में भी रेट थोड़े कम हैं। जैसे ईटानगर में पेट्रोल ₹90.87 और डीजल ₹80.38, देहरादून में पेट्रोल ₹93.35 और डीजल ₹82.15, नैनीताल में पेट्रोल ₹93.41 और डीजल ₹82.30, और चंडीगढ़ में पेट्रोल ₹92.44 और डीजल ₹82.44 मिल रहा है। अगर आप इन शहरों में रहने वाले हैं या यहां ट्रैवल करने वाले हैं, तो ये जानकारी आपके काम आ सकती है।
दुनिया में कहां मिल रहा है सबसे सस्ता फ्यूल?
अब ज़रा नज़र डालते हैं ग्लोबल लेवल पर। कई बार मन में आता है कि भारत में पेट्रोल इतना महंगा क्यों है जबकि कुछ देशों में तो ये बहुत सस्ता है। मसलन, लीबिया में पेट्रोल ₹2.39 प्रति लीटर, ईरान में ₹2.47, वेनेजुएला में ₹3.02 और कुवैत में ₹29.63 प्रति लीटर मिल रहा है। इसका कारण ये है कि इन देशों में खुद का ऑयल प्रोडक्शन बहुत ज़्यादा है और सरकारें भारी सब्सिडी देती हैं। इसलिए वहां फ्यूल इतनी कम कीमत पर उपलब्ध होता है।
भारत में पेट्रोल इतना महंगा क्यों है?
अब ये सवाल तो लगभग हर किसी के मन में आता है कि जब कच्चा तेल तो सस्ता होता है, फिर हमें ₹90 से ₹100 तक क्यों चुकाने पड़ते हैं? इसका कारण ये है कि भारत 90% से ज्यादा कच्चा तेल बाहर से आयात करता है। ऊपर से केंद्र और राज्य सरकारें एक्साइज ड्यूटी, वैट और डीलर मार्जिन भी वसूलती हैं। यही कारण है कि अगर कच्चे तेल की कीमत ₹40-45 प्रति लीटर है, तो वो आम उपभोक्ता तक पहुंचते-पहुंचते ₹90 या उससे ज़्यादा हो जाती है।
ग्लोबल क्रूड महंगा, फिर भी भारत में रेट क्यों स्थिर हैं?
एक और दिलचस्प बात यह है कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हलचल होने के बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम फिलहाल स्थिर बने हुए हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार ने तेल कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे छोटे-मोटे ग्लोबल बदलावों के आधार पर रेट में तुरंत इजाफा न करें। इससे जनता को अचानक महंगाई का झटका नहीं लगता और बाज़ार में स्थिरता बनी रहती है।
आगे फ्यूल रेट्स में क्या बदलाव हो सकते हैं?
अब सवाल उठता है कि आगे क्या होगा? एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर ईरान और इज़रायल के बीच तनाव बढ़ता है, तो कच्चे तेल की कीमतें $90 प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं। इसका असर भारत पर भी पड़ेगा और जुलाई या अगस्त में फ्यूल के दाम बढ़ सकते हैं। इसलिए फिलहाल जो राहत मिल रही है, उसका फायदा उठाया जा सकता है।
घूमने वालों के लिए खास सलाह
अगर आप गर्मियों में कहीं ट्रैवल की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये सही समय है गाड़ी का टैंक फुल करवाने का। खासकर पहाड़ी इलाकों में पेट्रोल की कीमतें ज़्यादा होती हैं। साथ ही, यात्रा से पहले Google Maps से छोटा और कम ट्रैफिक वाला रूट चुनें ताकि फ्यूल की बचत हो। गाड़ी में AC इस्तेमाल करते वक्त भी फ्यूल ज़्यादा खर्च होता है, इसलिए ज़रूरत अनुसार ही चलाएं। और हां, सफर में कार्ड और कैश दोनों साथ रखना समझदारी होगी।
फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यही सही मौका है कुछ फ्यूल सेविंग करने का। क्योंकि आगे की स्थिति अनिश्चित है – ग्लोबल तनाव, गर्मियों की डिमांड और सप्लाई चेन जैसे कारक फ्यूल प्राइसेज़ को प्रभावित कर सकते हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। पेट्रोल और डीजल के रेट समय और स्थान के अनुसार बदल सकते हैं। कृपया अपनी स्थानीय पेट्रोल पंप अथवा सरकारी वेबसाइट से ताजा जानकारी अवश्य जांचें। लेख में दी गई जानकारियों पर निर्णय लेने से पहले व्यक्तिगत विवेक का उपयोग करें।