अब जॉइंट फॅमिली की संपत्ति पर इस सदस्य का होगा पूरा हक – सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका फैसला Joint Family Property Rights

By Prerna Gupta

Published On:

Joint Family Property Rights

Joint Family Property Rights – संयुक्त परिवार यानी ज्वाइंट फैमिली की प्रॉपर्टी को लेकर भारत में हमेशा से विवाद होते रहे हैं। जब परिवार बड़ा होता है, सदस्य ज्यादा होते हैं, तो हर कोई इस सोच में रहता है कि उसे प्रॉपर्टी में क्या मिलेगा और कितना मिलेगा। यही वजह है कि ऐसे मामलों में कई बार आपसी रिश्ते बिगड़ जाते हैं और मामला कोर्ट-कचहरी तक पहुंच जाता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे यह तय हो गया है कि आखिर किसका संपत्ति पर हक होगा और किसका नहीं।

संयुक्त परिवार की संपत्ति क्या होती है?

संयुक्त परिवार की संपत्ति वह होती है जो आपके पूर्वजों से यानी दादा-परदादा से आपको मिली हो और जिस पर परिवार के सभी सदस्यों का बराबर हक हो। इसे आम भाषा में पैतृक संपत्ति कहा जाता है। इसमें घर, जमीन, दुकान, खेत या कोई भी ऐसा अचल संपत्ति शामिल हो सकता है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही हो। अगर संपत्ति को पूरे परिवार के लोग मिलकर इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे संयुक्त संपत्ति माना जाता है।

क्या था मामला, जिस पर सुप्रीम कोर्ट को सुनाना पड़ा फैसला?

यह मामला एक राज्य से सामने आया था, जहां एक सदस्य ने दावा किया कि वह परिवार का मुख्य कमाने वाला है यानी ‘कर्ता’ है, इसलिए उसे प्रॉपर्टी पर पूरा हक मिलना चाहिए। बाकी सदस्य इस बात से सहमत नहीं थे। उनका कहना था कि प्रॉपर्टी पर सभी का बराबर हक बनता है क्योंकि वो पैतृक संपत्ति है। मामला पहले निचली अदालत में चला, फिर हाईकोर्ट और आखिर में सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। और यहीं से आया एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला, जो अब देशभर में ऐसे सभी मामलों की मिसाल बनेगा।

यह भी पढ़े:
BSNL Recharge Plan BSNL का ₹99 धमाका! फ्री OTT, कॉलिंग और इंटरनेट – जानिए पूरी डिटेल BSNL Recharge Plan

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बिल्कुल साफ शब्दों में कहा कि संयुक्त परिवार की पैतृक संपत्ति पर हर सह-वारिस का बराबर का हक है। इसका मतलब ये हुआ कि कोई भी सिर्फ इसलिए खुद को मालिक नहीं कह सकता क्योंकि वो ज्यादा कमाता है या प्रॉपर्टी को मैनेज करता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संपत्ति में बेटे, बेटियां, पत्नी, पोते और यहां तक कि पोतियों का भी हक बराबर का है। और अगर संपत्ति पैतृक है, तो कोई भी सदस्य उसे अकेले नहीं बेच सकता, किराए पर नहीं दे सकता और न ही किसी से छिपाकर उस पर कब्जा कर सकता है।

कौन होता है ‘Karta’ और उसका क्या हक होता है?

‘Karta’ यानी परिवार का मुखिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि कर्ता का मतलब ये नहीं कि वह अकेला मालिक है। उसका काम सिर्फ पूरे परिवार की संपत्ति का प्रबंधन करना होता है। वह सभी की सहमति के बिना कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकता।

महिलाओं को भी मिलेगा बराबर हक

सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में हुए संशोधन का हवाला देते हुए यह भी दोहराया कि अब बेटियों को भी पिता की पैतृक संपत्ति में बेटों की तरह बराबर का हक मिलेगा। यह फैसला उन महिलाओं के लिए एक बड़ा सहारा है जिन्हें अब तक संपत्ति से वंचित रखा जाता था।

यह भी पढ़े:
RBI Guidelines for Currency Notes कटे-फटे नोट नहीं होंगे बेकार! RBI ने जारी की नई गाइडलाइन RBI Guidelines for Currency Notes

कमाई के आधार पर हक नहीं तय होगा

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई सदस्य अगर ज्यादा कमाता है या प्रॉपर्टी को बेहतर तरीके से संभाल रहा है, तो इसका मतलब ये नहीं कि उसे ज्यादा हिस्सा मिलेगा। प्रॉपर्टी का बंटवारा सभी सह-वारिसों में बराबर होगा, चाहे वो कमाए या न कमाए।

इस फैसले से किन लोगों को फायदा होगा?

ये फैसला उन परिवारों के लिए बेहद राहत भरा है जहां बेटियों को प्रॉपर्टी से बाहर रखा जाता है, या जहां कोई सदस्य खुद को मालिक बताकर बाकी सदस्यों को हक से वंचित कर देता है। कई बार देखा गया है कि बिना पूछे संपत्ति बेच दी जाती है या किराए पर चढ़ा दी जाती है, अब ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई आसान होगी।

प्रॉपर्टी में हकदार कौन-कौन होते हैं?

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, संयुक्त परिवार की संपत्ति में पिता, पुत्र, पुत्री, पोता, पोती और कई बार विधवा पत्नी तक को अधिकार मिलता है। अगर किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो उसके बच्चे या पत्नी उस हिस्से के हकदार बनते हैं।

यह भी पढ़े:
KCC Karj Mafi Yojana किसान कर्ज माफी योजना की नई लिस्ट जारी – अभी चेक करें लिस्ट में अपना नाम KCC Karj Mafi Yojana

ऐसे करें कानूनी तैयारी

अगर आप संयुक्त संपत्ति में हिस्सेदार हैं, तो जरूरी है कि आप सभी कागजों को ठीक से संभाल कर रखें। किसी भी विवाद से बचने के लिए प्रॉपर्टी का कानूनी रूप से बंटवारा करवा लें, सभी दस्तावेजों में अपना नाम दर्ज करवाएं और अगर कोई सदस्य संपत्ति बेच रहा है, तो उसकी जानकारी और सहमति जरूर लें।

परिवार में झगड़े से बेहतर है कानून को जानना

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला साफ कर देता है कि पैतृक संपत्ति पर किसी एक का नहीं, बल्कि सभी का बराबर हक होता है – चाहे वो बेटा हो या बेटी, कमाने वाला हो या घर संभालने वाला। इस फैसले से परिवारों में चल रहे विवादों को रोकने में मदद मिलेगी और लोग अपने हक को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।

Disclaimer

यह भी पढ़े:
Cheap Flight Tickets अब सिर्फ ₹694 में होगा हवाई सफर – कैब की तुलना में 20 गुना सस्ता Cheap Flight Tickets

यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियों को कानूनी सलाह के रूप में न लें। किसी भी संपत्ति विवाद या अधिकार से जुड़े मसले में विशेषज्ञ वकील से परामर्श लेना जरूरी है। कोर्ट के फैसले समय के साथ बदल सकते हैं, इसलिए आधिकारिक अपडेट जरूर चेक करें।

Leave a Comment

Join Whatsapp Group🔔 लोन और इन्शुरेंस चाहिए?