DA Hike Updates – साल 2025 की शुरुआत में जब जनवरी से लागू होने वाले डीए हाइक की घोषणा हुई, तो केंद्रीय कर्मचारियों को सिर्फ 2 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी मिली थी। इससे उनका डीए 53% से बढ़कर 55% हो गया। लेकिन यह आंकड़ा कर्मचारियों की उम्मीदों से काफी कम था। सातवें वेतन आयोग के तहत यह वृद्धि बहुत ही मामूली मानी गई। कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई और इसे महंगाई के अनुपात में नाकाफी बताया। इसी वजह से जुलाई में होने वाली अगली डीए बढ़ोतरी को लेकर उम्मीदें काफी ज्यादा थीं।
जुलाई 2025 में भी नहीं मिलेगी बड़ी राहत
अब जो रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं, उनसे पता चलता है कि जुलाई 2025 में भी कर्मचारियों को ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। डीए हाइक की जो संभावित दरें बताई जा रही हैं, वे केवल 2 से 3 प्रतिशत के दायरे में हो सकती हैं। यानि यदि यह अनुमान सही रहता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 55% से बढ़कर सिर्फ 57% या ज्यादा से ज्यादा 58% तक ही पहुंच पाएगा। इस बात ने कर्मचारियों को फिर से चिंता में डाल दिया है, क्योंकि वे जुलाई में कम से कम 4 से 5 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे थे।
महंगाई दर में गिरावट बनी है डीए हाइक में रुकावट
कम डीए हाइक की सबसे बड़ी वजह है देश में महंगाई दर का घटना। खुदरा महंगाई दर मई 2025 तक घटकर 2.82% पर आ गई है, जो कि पिछले 6 सालों का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले फरवरी 2019 में यह दर 2.57% थी। खाने-पीने की चीजों की कीमतों में नरमी और ईंधन की कीमतों में गिरावट से ये आंकड़े सामने आए हैं। इसके अलावा थोक महंगाई दर भी मई में घटकर 0.39% रह गई है। सरकार डीए की गणना इन्हीं आंकड़ों के आधार पर करती है, इसलिए कम महंगाई दर का सीधा असर डीए में होने वाली बढ़ोतरी पर पड़ता है।
सातवें वेतन आयोग के तहत आखिरी डीए हाइक हो सकता है ये
यह डीए हाइक इसलिए भी खास है क्योंकि सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत यह आखिरी महंगाई भत्ता हो सकता है। इसके बाद सभी की नजरें आठवें वेतन आयोग की घोषणा पर टिकी हैं। लेकिन दुर्भाग्य से अब तक सरकार की ओर से आठवें वेतन आयोग को लेकर कोई ठोस अपडेट सामने नहीं आया है। पहले उम्मीद थी कि अप्रैल 2025 तक आयोग का गठन हो जाएगा और जनवरी 2026 से इसकी सिफारिशें लागू कर दी जाएंगी। लेकिन जून 2025 खत्म होने को है और अभी तक आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, जिससे जनवरी 2026 से वेतन संशोधन की उम्मीदें भी फीकी पड़ती नजर आ रही हैं।
डीए और डीआर क्यों होते हैं जरूरी
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए डीए और डीआर का बहुत बड़ा महत्व है। यह न केवल उनकी आमदनी में इजाफा करता है, बल्कि बढ़ती महंगाई की मार से थोड़ी राहत भी देता है। महंगाई दर चाहे कम हो या ज्यादा, रोजमर्रा की जिंदगी की लागत लगातार बढ़ती रहती है – खासतौर पर बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल खर्च और किराए जैसी चीजें लगातार महंगी होती जा रही हैं। ऐसे में डीए ही एकमात्र साधन होता है जिससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनी रहती है। केंद्र सरकार की डीए घोषणा के बाद राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए डीए और डीआर बढ़ाती हैं।
कर्मचारियों की बढ़ती चिंता और सरकार से उम्मीदें
अब हालात ऐसे हैं कि कर्मचारियों को एक ओर तो कम डीए हाइक से नाखुशी है और दूसरी ओर आठवें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सिर्फ महंगाई दर ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों की मौजूदा वित्तीय स्थिति, खर्च की औसत दर और जीवनशैली की आवश्यकताओं को भी डीए में जोड़कर देखा जाना चाहिए। हालांकि सरकार का तर्क है कि डीए पूरी तरह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया पर आधारित है जो केवल महंगाई दर के आंकड़ों पर निर्भर करती है।
फिलहाल क्या करें कर्मचारी?
जुलाई 2025 की डीए हाइक को लेकर जो संभावनाएं जताई जा रही हैं, उनसे ये साफ है कि कर्मचारियों को इस बार भी बड़ी राहत नहीं मिलेगी। कम डीए हाइक और वेतन आयोग की देरी से केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल धैर्य रखना होगा। हालांकि भविष्य में यदि महंगाई दर में फिर से उछाल आता है, तो आने वाले डीए हाइक में बढ़ोतरी की संभावनाएं भी ज्यादा होंगी। फिलहाल सभी की नजर सरकार की आधिकारिक घोषणा पर टिकी है जो दिवाली से पहले होने की संभावना है।
Disclaimer
यह लेख विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। इसमें दिए गए अनुमान और जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से हैं। महंगाई भत्ता (DA) से जुड़ा कोई भी अंतिम निर्णय केवल भारत सरकार द्वारा ही लिया जाएगा। कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम जानकारी के लिए सरकारी अधिसूचनाओं और आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें।