CIBIL Score Rule – आजकल सिबिल स्कोर हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। सिर्फ लोन पास कराने तक सीमित नहीं, बल्कि नौकरी पाना हो, रेंट पर घर लेना हो या कोई क्रेडिट सुविधा लेनी हो – हर जगह अब सिबिल स्कोर की जांच की जाती है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों की सुरक्षा और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए 5 नए नियम जारी किए हैं, जो 1 जुलाई से लागू हो रहे हैं। आइए समझते हैं ये बदलाव क्या हैं और ये आपकी फाइनेंशियल जिंदगी को कैसे प्रभावित करेंगे।
अब स्कोर चेक होते ही आपको मिलेगा अलर्ट
पहले जब कोई बैंक या वित्तीय संस्था आपका सिबिल स्कोर चेक करती थी, तो आपको इसकी भनक तक नहीं लगती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। RBI के नए नियम के मुताबिक, जब भी कोई संस्था आपका सिबिल स्कोर चेक करेगी, तो आपको उसी वक्त इसकी जानकारी दी जाएगी। यह सूचना ईमेल या एसएमएस के जरिए भेजी जाएगी। इससे आपको तुरंत पता चल जाएगा कि किस संस्था ने आपके स्कोर की जांच की है और आप उसकी वैधता भी जान सकेंगे। अगर किसी संस्था ने आपकी इजाजत के बिना स्कोर चेक किया है, तो आप तुरंत शिकायत कर सकते हैं।
लोन रिजेक्ट किया? अब मिलेगा ठोस कारण
कई बार ऐसा होता है कि आपने लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया और बैंक ने उसे रिजेक्ट कर दिया, लेकिन वजह नहीं बताई। ऐसे में ग्राहक भ्रमित रहते हैं कि गलती कहां हुई। अब RBI ने यह भी नियम बना दिया है कि किसी भी लोन या क्रेडिट आवेदन को रिजेक्ट करने पर बैंक या संस्था को स्पष्ट कारण बताना होगा। जैसे अगर आपकी इनकम कम है, क्रेडिट हिस्ट्री खराब है या कोई दस्तावेज अधूरा है – तो वह बताना होगा। इससे ग्राहक को समझने में आसानी होगी कि उसने क्या गलती की और कैसे सुधार कर अगली बार सफल हो सकता है।
हर साल मिलेगी एक मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट
अब सभी ग्राहकों को साल में कम से कम एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट फ्री में देखने का अधिकार होगा। क्रेडिट ब्यूरो कंपनियों को यह रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध करानी होगी, जिससे ग्राहक बिना किसी थर्ड पार्टी की वेबसाइट पर जाए सीधे रिपोर्ट डाउनलोड कर सकें। यह रिपोर्ट न सिर्फ स्कोर दिखाएगी, बल्कि आपकी पूरी क्रेडिट हिस्ट्री और उसमें हुई लेन-देन की जानकारी भी देगी। इससे ग्राहक समय-समय पर अपनी फाइनेंशियल स्थिति का जायजा ले सकते हैं और अगर कोई गड़बड़ी हो तो उसे समय रहते ठीक करवा सकते हैं।
डिफॉल्टर घोषित करने से पहले दी जाएगी सूचना
पहले बैंक किसी भी ग्राहक को अचानक डिफॉल्टर घोषित कर देते थे और इसका असर सीधे उसके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता था। लेकिन अब इस प्रक्रिया में भी पारदर्शिता लाई गई है। नए नियमों के अनुसार, बैंक को अब किसी भी ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित करने से पहले उसे इसकी जानकारी देनी होगी। इसका मतलब ये है कि आपको अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने का एक आखिरी मौका मिलेगा। साथ ही सभी बैंकों को अब नोडल अधिकारी नियुक्त करने होंगे, जो सिबिल स्कोर या क्रेडिट रिपोर्ट से जुड़ी शिकायतों को सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे।
समस्या का समाधान नहीं हुआ तो लगेगा जुर्माना
कई बार ग्राहकों को सिबिल स्कोर में गलती की शिकायत करने के बाद भी महीनों इंतजार करना पड़ता है। अब RBI ने इसके लिए भी समयसीमा तय कर दी है। यदि किसी ग्राहक के स्कोर में गलती होती है और वह शिकायत दर्ज करता है, तो बैंक को 21 दिनों और क्रेडिट कंपनी को 9 दिनों के भीतर उसे ठीक करना होगा। अगर ये 30 कार्यदिवस के भीतर काम पूरा नहीं होता, तो प्रति दिन 100 रुपये का जुर्माना संबंधित संस्था पर लगाया जाएगा। इससे ग्राहकों की शिकायतों को अब गंभीरता से लिया जाएगा और समस्या का जल्द समाधान होगा।
इन बदलावों से क्या मिलेगा फायदा?
RBI के ये नए नियम ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आए हैं। अब सिबिल स्कोर से जुड़ी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और ग्राहक खुद अपने स्कोर पर बेहतर कंट्रोल रख सकेंगे। बैंकों और क्रेडिट कंपनियों की जवाबदेही बढ़ेगी और बिना वजह लोन रिजेक्ट या स्कोर खराब करने जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी। इससे भारत की बैंकिंग व्यवस्था और मजबूत बनेगी और लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा।
Disclaimer
यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले योग्य सलाहकार से सलाह जरूर लें। आरबीआई समय-समय पर नियमों में बदलाव करता है, इसलिए सटीक और अद्यतन जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित संस्थान से जानकारी लेना उचित रहेगा।