Home Construction Rules – आज के समय में हाईवे के पास की जमीन को लोग बेहतरीन निवेश का विकल्प मानते हैं। वजह साफ है – बेहतर कनेक्टिविटी, फास्ट ट्रैवल और भविष्य में कीमतें बढ़ने की संभावना। लेकिन अगर आप भी ऐसी ही किसी योजना के बारे में सोच रहे हैं, तो ठहरिए! घर बनाने से पहले कुछ जरूरी नियम और कानून जान लेना बेहद जरूरी है। क्योंकि नेशनल हाईवे के पास मनमर्जी से निर्माण करना कानून के खिलाफ है और इससे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
हाईवे के पास निर्माण क्यों न करें – वजह सिर्फ कानून नहीं
कई लोग मानते हैं कि अगर कानून की छूट मिल जाए, तो हाईवे के बिल्कुल पास मकान या दुकान बना लेना फायदेमंद रहेगा। लेकिन ऐसा करना सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से भी गलत है। सबसे पहली परेशानी है वायु प्रदूषण – हाईवे पर दिन-रात दौड़ते ट्रकों और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं आसपास के माहौल को जहरीला बना देता है। इसके बाद आता है ध्वनि प्रदूषण – लगातार हॉर्न और भारी वाहनों की आवाजें ना सिर्फ शांति भंग करती हैं बल्कि मानसिक तनाव और नींद की समस्या भी पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा, दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। हाईवे के इतने पास रहना निजता की कमी भी पैदा करता है क्योंकि लोगों की आवाजाही लगातार बनी रहती है।
कितनी दूरी जरूरी है हाईवे से? जानिए साफ-साफ मापदंड
भारतीय कानून के मुताबिक, अगर आप हाईवे के पास कोई निर्माण करना चाहते हैं, तो कुछ निर्धारित दूरियों का पालन करना अनिवार्य है। ग्रामीण इलाकों में हाईवे की मध्य रेखा से कम से कम 75 फीट की दूरी पर ही कोई निर्माण हो सकता है, वहीं शहरी इलाकों के लिए ये दूरी 60 फीट तय की गई है। ये नियम खेती की जमीन हो या मकान बनाने की – दोनों पर समान रूप से लागू होते हैं। इन मापदंडों का उद्देश्य है ट्रैफिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना, पर्यावरण की रक्षा करना और भविष्य में जब हाईवे का चौड़ीकरण हो, तब कोई अड़चन न आए। अगर इन नियमों की अनदेखी की गई, तो उस निर्माण को अवैध घोषित कर दिया जाता है और बिना मुआवज़ा दिए उसे गिराया भी जा सकता है।
क्या कहती है राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण अधिनियम की धारा 42?
नेशनल हाईवे से जुड़ा सबसे अहम कानून है “राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण अधिनियम” की धारा 42। इस धारा के अनुसार, हाईवे की केंद्र रेखा से 40 मीटर यानी लगभग 130 फीट के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इतना ही नहीं, अगर कोई बहुत जरूरी निर्माण करना भी हो, तो इसके लिए पहले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है। हाईवे से 75 मीटर के भीतर आने वाले किसी भी निर्माण को लेकर बिना अनुमति के कोई भी गतिविधि गैरकानूनी मानी जाती है और इसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सकती है।
हाईवे के पास जमीन खरीदते समय ध्यान में रखने योग्य बातें
अगर आप हाईवे के किनारे जमीन खरीदने का मन बना चुके हैं, तो कुछ जरूरी बातों को नजरअंदाज न करें। सबसे पहले देखें कि जमीन निर्धारित दूरी के अंदर तो नहीं आ रही। फिर यह जांचें कि जमीन पर पहले से कोई अवैध निर्माण तो नहीं है। जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज, जैसे खसरा-खतौनी, मालिकाना हक, और अप्रूव्ड नक्शा अच्छे से जांचें। इसके अलावा स्थानीय निकाय से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) ज़रूर लें। साथ ही ये जानने की भी कोशिश करें कि उस इलाके में भविष्य में कोई सरकारी योजना – जैसे सड़क चौड़ीकरण या फ्लाईओवर निर्माण – तो नहीं आ रही।
अगर निर्माण करना ही है, तो क्या है अनुमति लेने की प्रक्रिया?
अगर आपकी जमीन हाईवे के पास है और आप उस पर मकान या दुकान बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले स्थानीय नगरपालिका या पंचायत से संपर्क करें। पता लगाएं कि आपकी जमीन किस दायरे में आती है। अगर निर्माण 75 मीटर के भीतर आता है, तो इसके लिए आपको नेशनल हाईवे अथॉरिटी से विशेष अनुमति लेनी होगी। इसके लिए एक आवेदन पत्र भरना होगा जिसमें जमीन के कागजात, निर्माण का नक्शा, पर्यावरण से जुड़ी रिपोर्ट और अन्य जरूरी दस्तावेज लगाने होंगे। इस प्रक्रिया में समय भी लग सकता है और शुल्क भी देना पड़ता है। बिना अनुमति निर्माण करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
भविष्य की योजनाओं से हो सकता है असर
हाईवे के किनारे अगर आप आज मकान बनाते हैं, तो यह ज़रूरी नहीं कि वह कल भी सुरक्षित रहे। सरकार समय-समय पर हाईवे को चौड़ा करने, फ्लाईओवर बनाने या नए ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की योजनाएं बनाती है। अगर आपकी संपत्ति इन योजनाओं की सीमा में आ जाती है, तो उसका अधिग्रहण हो सकता है। सरकार मुआवज़ा तो देती है, लेकिन ये हमेशा मार्केट रेट के बराबर नहीं होता। इसके अलावा, निर्माण के दौरान की जाने वाली खुदाई, शोर और धूल-मिट्टी भी रहने लायक माहौल को प्रभावित कर सकती है।
सोच समझकर करें निवेश
हाईवे के पास मकान बनाना या जमीन खरीदना फायदे का सौदा लग सकता है, लेकिन इससे पहले इससे जुड़े सभी नियम और व्यावहारिक समस्याओं को अच्छे से समझ लेना ज़रूरी है। बेहतर होगा कि आप तय की गई दूरी से ज्यादा दूरी पर ही निर्माण करें ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी न हो। अगर निर्माण करना ज़रूरी है तो सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करें और किसी योग्य वकील से सलाह जरूर लें। याद रखें – सस्ता सौदा कई बार भारी नुकसान में बदल सकता है।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। यह किसी प्रकार की कानूनी सलाह नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित नियम समय-समय पर बदल सकते हैं और राज्यों के अनुसार अलग-अलग भी हो सकते हैं। किसी भी निर्माण कार्य या जमीन निवेश से पहले संबंधित सरकारी विभाग से जानकारी लें और प्रोफेशनल सलाहकार से संपर्क जरूर करें।