Fastag Annual Pass Rule – अगर आप बाइक से नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं, तो अब आपको हर दिन ₹50 टोल देना होगा। सरकार ने अब बाइक वालों के लिए भी FASTag को अनिवार्य कर दिया है। पहले तक बाइक चालकों को टोल की छूट मिलती थी, लेकिन अब ये फ्री पास खत्म कर दिया गया है और नया नियम लागू हो गया है।
ये बदलाव सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से किया गया है ताकि टोल प्लाजा पर भीड़ कम हो, टोल कलेक्शन तेज़ हो और सब कुछ डिजिटल तरीके से हो सके। कार और बड़े वाहनों के बाद अब बाइक को भी FASTag की लाइन में ला दिया गया है। यानी बाइक वाले भी अब डिजिटल पेमेंट के साथ टोल अदा करेंगे।
बाइक पर FASTag अब ज़रूरी क्यों हुआ?
सरकार का कहना है कि इससे टोल चोरी रुकेगी और टोल वसूली में पारदर्शिता आएगी। टोल प्लाजा पर हर बार बाइक को रोककर टोल लेने में वक्त और ईंधन दोनों की बर्बादी होती थी। अब जैसे ही बाइक टोल प्लाजा से गुजरेगी, RFID स्कैनर के जरिए पैसा अपने आप कट जाएगा। इससे गाड़ियों की लंबी लाइनें कम होंगी और सफर आसान होगा।
₹50 रोज का टोल क्यों?
अब सवाल ये है कि सिर्फ बाइक पर ₹50 रोज का टोल क्यों लगाया गया? दरअसल, पहले तक बाइक को टोल से छूट मिली थी लेकिन अब जब बाइक को भी बाकी गाड़ियों की तरह सिस्टम में शामिल किया जा रहा है तो टोल वसूलना जरूरी हो गया है। ₹50 की ये रकम एक दिन की है और इसे हर दिन अदा करना होगा। अगर FASTag नहीं लगा है, तो बाइक वाले को और ज़्यादा चार्ज देना पड़ सकता है।
FASTag कैसे काम करता है?
FASTag एक छोटा सा स्टिकर होता है जो RFID तकनीक से काम करता है। इसे वाहन के सामने वाले हिस्से यानी विंडशील्ड पर चिपकाया जाता है। जैसे ही वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है, टैग स्कैन होता है और पैसा अपने आप अकाउंट से कट जाता है। न कैश देना पड़ता है, न रसीद का झंझट होता है।
इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि टोल पर रुकना नहीं पड़ता, जिससे पेट्रोल की भी बचत होती है और वक्त भी। साथ ही, आप अपने खर्च का हिसाब भी रख सकते हैं क्योंकि हर लेनदेन का रिकॉर्ड ऐप या SMS के जरिए मिल जाता है।
FASTag रिचार्ज कैसे करें?
अब जब बाइक पर भी FASTag ज़रूरी हो गया है, तो उसका रिचार्ज करना भी जानना जरूरी है। आप इसे नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या फिर UPI जैसे ऑप्शन से आसानी से रिचार्ज कर सकते हैं। बैंकिंग ऐप, FASTag पोर्टल या पेटीएम, फोनपे जैसे ऐप से भी आप इसे टॉप-अप कर सकते हैं। रिचार्ज तुरन्त होता है और कोई लंबी प्रोसेस नहीं है।
बाइक वालों के लिए FASTag कैसे मिलेगा?
बाइक चालक अगर FASTag लेना चाहते हैं तो उन्हें अपने बाइक के रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट और पहचान पत्र के साथ बैंक या किसी अधिकृत विक्रेता के पास जाना होगा। वहां से उन्हें FASTag मिलेगा जिसकी कीमत ₹100 से ₹200 के बीच होती है, बैंक के हिसाब से अलग-अलग रेट हो सकता है। जैसे SBI ₹100 लेता है, वहीं ICICI ₹200 तक चार्ज करता है।
एक बार FASTag मिल जाए, तो उसे बाइक के आगे के हिस्से में लगाना होता है ताकि टोल प्लाजा पर स्कैन करते समय दिक्कत न हो।
क्या है इसके नुकसान?
हालांकि ये सिस्टम सुविधाजनक है, लेकिन सब कुछ परफेक्ट नहीं होता। कभी-कभी RFID स्कैनर टैग को पहचान नहीं पाता जिससे बाइक को वहीं रोकना पड़ता है। इसके अलावा, अगर रिचार्ज खत्म हो जाए और पता न हो तो भी परेशानी हो सकती है। कुछ यूज़र्स ने बैंक या कस्टमर सपोर्ट से जुड़ी शिकायतें भी की हैं। कुल मिलाकर, सिस्टम को और सुधारने की ज़रूरत है ताकि बाइक चालकों को भी बिना अड़चन के फायदा मिल सके।
डिजिटल इंडिया की ओर एक और कदम
ये कदम डिजिटल इंडिया मिशन को भी बढ़ावा देगा। बाइक वाले जो अब तक डिजिटल पेमेंट से दूर थे, वो भी अब इस सिस्टम से जुड़ेंगे। सरकार चाहती है कि हर वाहन, चाहे वो बड़ा हो या छोटा, एक ही सिस्टम में चले ताकि टोल कलेक्शन में कोई हेराफेरी न हो और हर चीज़ का रिकॉर्ड रहे।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें बताई गई योजनाएं, नियम और शुल्क परिवर्तनीय हो सकते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि आधिकारिक वेबसाइट या अधिकृत स्रोत से जानकारी की पुष्टि अवश्य करें। लेख में दी गई जानकारी पर किसी भी प्रकार की वित्तीय या कानूनी कार्रवाई से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित रहेगा।