CIBIL Score – अगर आप अपने सपनों का घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं और होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो ज़रा रुक जाइए! इस वक्त थोड़ा इंतजार करना आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। इससे ये उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बैंक भी होम लोन की ब्याज दरों में कमी कर सकते हैं। हालांकि अभी तक किसी बैंक ने ऑफिशियल ऐलान नहीं किया है, लेकिन जल्द ही होम लोन की EMI में राहत मिलने की संभावना ज़रूर बन रही है।
क्या अभी होम लोन लेना सही रहेगा?
अगर आप इसी वक्त लोन लेने की सोच रहे हैं, तो थोड़ा रुकना फायदेमंद रहेगा। RBI ने ब्याज दरों में कटौती तो कर दी है, लेकिन बैंकों को ग्राहकों तक इसका फायदा पहुंचाने में थोड़ा वक्त लगता है। हो सकता है कि कुछ ही हफ्तों में बैंक अपने होम लोन के इंटरेस्ट रेट कम कर दें और आपको कम ब्याज पर लोन मिल जाए। ऐसे में आपकी EMI भी कम होगी और कुल लोन रीपेमेमेंट में अच्छी-खासी बचत हो सकती है।
होम लोन के लिए कितना जरूरी है CIBIL स्कोर?
होम लोन के मामले में क्रेडिट स्कोर यानी CIBIL स्कोर सबसे बड़ा रोल निभाता है। बैंक आपके फाइनेंशियल बिहेवियर और पुराने लोन/क्रेडिट हिस्ट्री को इसी स्कोर से आंकते हैं। अगर आपका स्कोर 750 या उससे ज्यादा है, तो आपको बैंक आसानी से लोन दे देगा और वो भी कम ब्याज दर पर। 700 से 749 तक स्कोर होने पर भी लोन मिल सकता है, लेकिन थोड़ा ऊंची ब्याज दर पर। वहीं 650 से 699 के बीच स्कोर हो तो लोन मिलने में दिक्कत आ सकती है और बैंक कुछ एक्स्ट्रा शर्तें लगा सकता है। अगर स्कोर 650 से भी नीचे है, तो लोन मिलना काफी मुश्किल हो सकता है और बैंक को-एप्लिकेंट या ज्यादा डाउन पेमेंट की मांग कर सकता है।
लोन अप्रूवल के चांस कैसे बढ़ाएं?
अगर आपका CIBIL स्कोर बहुत अच्छा नहीं है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। कुछ स्मार्ट तरीकों से आप अपनी लोन एलिजिबिलिटी को बढ़ा सकते हैं। सबसे पहले तो अपने स्कोर को सुधारने पर ध्यान दीजिए। क्रेडिट कार्ड के बिल और सभी EMI को समय पर चुकाइए। क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें। एक साथ कई लोन लेने से बचें, क्योंकि इससे स्कोर पर नेगेटिव असर पड़ता है। साथ ही समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहें, ताकि कोई गलती हो तो उसे तुरंत सुधार सकें।
ज्यादा डाउन पेमेंट करें तो फायदा होगा
अगर आप घर खरीदते समय 20% से 30% तक की डाउन पेमेंट करने की क्षमता रखते हैं, तो यह आपके फेवर में जाएगा। बैंक ऐसे कस्टमर को ज़्यादा सीरियस मानते हैं और उन्हें लोन देने में हिचकिचाते नहीं हैं। साथ ही ज्यादा डाउन पेमेंट करने पर आपका लोन अमाउंट कम हो जाएगा, जिससे ब्याज की रकम भी घटेगी और EMI भी आसान होगी।
को-एप्लिकेंट के साथ करें लोन के लिए अप्लाई
अगर किसी वजह से आपका CIBIL स्कोर थोड़ा कमजोर है, तो आप अपने पार्टनर, पैरेंट्स या भाई-बहन को को-एप्लिकेंट बनाकर लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। खासतौर पर अगर को-एप्लिकेंट का स्कोर अच्छा है, तो बैंक लोन देने में आसानी दिखाता है। इससे लोन अप्रूवल के चांस काफी हद तक बढ़ जाते हैं।
लोन का टेन्योर ज्यादा रखें
अगर आप EMI को मैनेज करने के लिए 20 से 25 साल की लंबी अवधि का लोन चुनते हैं, तो आपकी मासिक किस्त कम हो जाएगी। इससे बैंक को यह भरोसा मिलेगा कि आप लोन चुकाने में सक्षम हैं और आपके फाइनेंशियल रिस्क कम हैं। लंबा टेन्योर EMI को किफायती बनाता है, जो आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ेगा।
स्टेबल इनकम दिखाएं
बैंक हमेशा उन्हीं लोगों को प्राथमिकता देते हैं जिनकी इनकम स्टेबल हो। अगर आप सैलरीड हैं, तो सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट और इनकम टैक्स रिटर्न जैसे डॉक्युमेंट तैयार रखें। अगर आप सेल्फ-इम्प्लॉयड हैं, तो प्रॉपर इनकम प्रूफ देना ज़रूरी होगा। बैंक को आपके फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर भरोसा होना चाहिए, तभी वो लोन अप्रूव करेगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। होम लोन लेने से पहले अपने फाइनेंशियल कंसल्टेंट या बैंक प्रतिनिधि से संपर्क करके पूरी जानकारी जरूर लें। ब्याज दरें और नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। किसी भी निर्णय से पहले व्यक्तिगत स्थिति का सही मूल्यांकन जरूरी है।