7th Pay Commission DA Hike – केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मार्च 2025 में महज 2% डीए हाइक मिला था जिससे डीए 53% से बढ़कर 55% हो गया। हालांकि ये बढ़ोतरी उम्मीद से काफी कम थी, लेकिन अब सभी की नजर जुलाई 2025 की संभावित बढ़ोतरी पर टिकी हुई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस बार महंगाई भत्ते में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। कर्मचारी संगठनों और वेतन विशेषज्ञों को भरोसा है कि इस बार सरकार ज्यादा उदारता दिखा सकती है और डीए में 3% से 4% तक का इजाफा संभव है।
क्यों है ये डीए हाइक इतना खास?
जुलाई 2025 का डीए इसलिए भी खास है क्योंकि ये संभवतः 7वें वेतन आयोग के तहत मिलने वाला आखिरी महंगाई भत्ता हो सकता है। सरकार ने पहले ही संकेत दिए हैं कि 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो सकती हैं, हालांकि आयोग का गठन अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में अगर देरी होती है तो कर्मचारियों को लंबे समय तक इस डीए के भरोसे ही रहना पड़ेगा। इसलिए कर्मचारी चाह रहे हैं कि जुलाई का डीए उनकी मौजूदा महंगाई से निपटने के लिए पर्याप्त हो।
अप्रैल के आंकड़े दे रहे हैं राहत की खबर
अप्रैल 2025 में जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आया है, उसमें 0.5 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। ये सूचकांक अब 143.5 पर पहुंच गया है, जो जनवरी के 143.2 के मुकाबले बेहतर है। यह एक अच्छा संकेत है क्योंकि डीए की गणना इसी इंडेक्स पर आधारित होती है। अगर मई और जून के आंकड़े भी इसी तरह पॉजिटिव आते हैं, तो जुलाई में डीए में बंपर बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है।
क्या मई-जून में भी जारी रहेगा ये ट्रेंड?
अभी मई और जून 2025 के आंकड़े आना बाकी हैं लेकिन शुरुआती संकेत बता रहे हैं कि इनमें भी सूचकांक ऊपर जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो डीए में 3% से 4% तक की बढ़ोतरी काफी हद तक तय मानी जा रही है। मार्च में सिर्फ 2% की बढ़ोतरी से जो निराशा फैली थी, उसे यह नई वृद्धि काफी हद तक कम कर सकती है। कर्मचारी संगठन भी इस संभावित बढ़त को लेकर उत्साहित हैं।
कैसे होता है महंगाई भत्ते की गणना?
महंगाई भत्ता तय करने की जिम्मेदारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले श्रम ब्यूरो की होती है। देशभर के 317 बाजारों से हर महीने रिटेल प्राइस डाटा इकट्ठा किया जाता है, जो 88 औद्योगिक केंद्रों पर आधारित होता है। इस डाटा में खाने-पीने की चीजें, कपड़े, मकान, ट्रांसपोर्ट, ईंधन और अन्य सेवाओं की कीमतें शामिल होती हैं। ये एक वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है जिससे हर महीने का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तय होता है।
कर्मचारियों की उम्मीदें और सरकार की चुनौतियां
केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से अच्छी डीए हाइक की मांग कर रहे हैं। महंगाई तेजी से बढ़ रही है लेकिन डीए की वृद्धि उतनी तेज नहीं हो पा रही। मार्च में सिर्फ 2% की बढ़ोतरी के बाद से ही नाराजगी का माहौल है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि डीए का असली मकसद महंगाई से राहत देना है, इसलिए इसमें इजाफा भी उसी अनुपात में होना चाहिए। हालांकि सरकार के सामने भी चुनौती है क्योंकि हर डीए हाइक से सरकारी खजाने पर हजारों करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
देश की आर्थिक स्थिति दे रही है संकेत
देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति डीए बढ़ोतरी के लिए अनुकूल नजर आ रही है। सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़ा है, खासकर जीएसटी कलेक्शन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहीं महंगाई दर भी फिलहाल कंट्रोल में है। ऐसे में सरकार के पास कर्मचारियों को राहत देने की गुंजाइश बन रही है। अगर इसी ट्रेंड में मई-जून के आंकड़े आते हैं तो 3% से 4% की डीए वृद्धि लगभग तय मानी जा सकती है।
क्या जल्द आएगी आधिकारिक घोषणा?
जुलाई 2025 के डीए की घोषणा सरकार सितंबर या अक्टूबर के आसपास कर सकती है। आमतौर पर डीए हाइक की घोषणा छह महीने के बाद होती है, यानी मार्च और सितंबर में। ऐसे में कर्मचारियों को थोड़ा इंतजार करना होगा। लेकिन जो संकेत अभी तक मिले हैं वो काफी हद तक सकारात्मक हैं।
जुलाई 2025 का महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बेहद अहम है। न सिर्फ ये सातवें वेतन आयोग के तहत आखिरी डीए हाइक हो सकता है, बल्कि इससे कर्मचारियों की मौजूदा महंगाई से राहत मिलने की भी उम्मीद है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि इस बार सरकार 3% से 4% तक की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है। अब सबकी निगाहें सरकार की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हुई हैं।
Disclaimer
यह लेख विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। डीए वृद्धि को लेकर अंतिम निर्णय भारत सरकार द्वारा ही लिया जाएगा। कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी वित्तीय योजना या उम्मीद के लिए केवल आधिकारिक घोषणाओं पर ही भरोसा करें।