Land Registry New Rule – अगर आप भी साल 2025 में ज़मीन खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो ज़रा रुकिए! क्योंकि 1 जनवरी 2025 से भारत में ज़मीन की रजिस्ट्री के नियम बदल चुके हैं और ये बदलाव हर खरीददार और बेचने वाले को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहे हैं। सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया को अब डिजिटल कर दिया है और इसमें कुछ नए और सख्त प्रावधान भी जोड़े गए हैं। यानी अब ज़रा सी लापरवाही आपको फर्जीवाड़े या डील कैंसिल तक की स्थिति में ले जा सकती है।
आखिर क्यों रद्द हो सकती है ज़मीन की रजिस्ट्री?
नए नियमों के मुताबिक अगर किसी ज़मीन की बिक्री करते वक्त मालिकाना हक़ क्लियर नहीं है, यानी बेचने वाला असली मालिक नहीं है, तो रजिस्ट्री रद्द हो सकती है। इसके अलावा अगर कोई नाबालिग या मानसिक रूप से असमर्थ व्यक्ति ज़मीन बेचता है, या एक ही ज़मीन को दो बार बेचा गया हो, या नकली दस्तावेजों के ज़रिए रजिस्ट्री करवाई गई हो – तो समझिए डील कैंसिल हो सकती है।
कैसे होगी रजिस्ट्री रद्द?
अगर आपको लगता है कि आपकी रजिस्ट्री में कुछ गड़बड़ है, तो सबसे पहले संबंधित ऑनलाइन पोर्टल या रजिस्ट्री कार्यालय में जाकर आवेदन करना होगा। फिर आपके दस्तावेजों की जांच होगी और ज़रूरत पड़ने पर कोर्ट की प्रक्रिया के ज़रिए रजिस्ट्री को रद्द किया जा सकता है।
रजिस्ट्री रद्द होने पर नुकसान क्या होगा?
सीधा असर ये होगा कि ज़मीन पर आपका मालिकाना हक खत्म हो जाएगा। और अगर मामला कोर्ट तक गया, तो कानूनी लड़ाई में समय और पैसा दोनों लगेगा। इसके अलावा अगर ज़मीन पर कोई लोन लेना है, ट्रांसफर या दोबारा बेचना है – तो वो सब बंद हो जाएगा। इसलिए शुरू से सही डॉक्यूमेंटेशन और सतर्कता बेहद ज़रूरी है।
नए नियमों की क्या हैं खास बातें?
अब पूरी रजिस्ट्री की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। यानी अब ऑफिस के चक्कर और दलालों के झंझट खत्म। हर खरीद-बिक्री में आधार और पैन कार्ड की लिंकिंग अनिवार्य है जिससे फर्जी लोगों की पहचान की जा सके। इतना ही नहीं, रजिस्ट्री के दौरान पूरे लेन-देन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी ताकि बाद में किसी तरह का विवाद ना हो। और हां, फीस का भुगतान अब पूरी तरह ऑनलाइन होगा जिससे भ्रष्टाचार के मौके भी कम होंगे।
ग्रामीण इलाकों में क्या बदलेगा?
गांवों में भी अब ज़मीन का रजिस्ट्रेशन आसान बनाया गया है। लीज पर दी गई ज़मीन को भी डिजिटल तरीके से रजिस्टर्ड किया जा सकता है। इससे पुराने ज़मीन विवादों को निपटाने में आसानी होगी और किसान क्रेडिट कार्ड, सरकारी योजना, या लोन से जुड़ना भी आसान होगा।
कैसे बचें रजिस्ट्री रद्द होने से?
सबसे पहले ज़मीन खरीदने से पहले उसके टाइटल डीड की जांच जरूर करें और मालिक के नाम की पुष्टि करें। अगर ज़रा भी संदेह हो, तो वकील या कानूनी सलाहकार की मदद लें। अज्ञात दलालों से दूरी बनाएं और सभी कागजात खुद चेक करें। रजिस्ट्री के बाद भी समय-समय पर ज़मीन के रिकॉर्ड चेक करते रहें ताकि कुछ गलत होने पर समय रहते कार्रवाई हो सके।
कोर्ट के ज़रिए कैसे करवाई जाती है रद्द?
अगर ज़मीन की रजिस्ट्री को दोनों पक्षों की सहमति से रद्द करना है, तो सीधे रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर आवेदन किया जा सकता है। लेकिन अगर एक पक्ष तैयार नहीं है, तो कोर्ट में याचिका डालनी होगी। इसमें कोर्ट फीस ज़मीन की कीमत के हिसाब से तय की जाती है और थोड़ा समय लग सकता है।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें बताई गई जानकारी सरकारी नियमों और मीडिया स्रोतों पर आधारित है। ज़मीन खरीदने या रजिस्ट्री से जुड़े किसी भी कानूनी कदम से पहले किसी विशेषज्ञ या अधिकृत विभाग से सलाह अवश्य लें।
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