अब बिना रजिस्ट्रेशन किराए पर नहीं दे पाएंगे घर – जानिए नया किराया कानून Rent Agreement Registration

By Prerna Gupta

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Rent Agreement Registration

Rent Agreement Registration – अब अगर आप किसी को किराए पर घर देना चाहते हैं, तो सिर्फ 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट बना लेना काम नहीं चलेगा। Rent Agreement Registration 2025 के तहत सरकार ने साफ कर दिया है कि अब रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट ही कानूनी रूप से मान्य होगा। यानी अब मकान मालिक और किरायेदार दोनों को रेंट एग्रीमेंट रजिस्टर कराना जरूरी होगा, वरना बाद में न कानूनी सुरक्षा मिलेगी और न ही कोर्ट में केस मजबूत होगा।

पहले लोग 11 महीने का साधारण एग्रीमेंट बनाकर काम चला लेते थे, लेकिन कई बार इसी वजह से दोनों पक्षों में विवाद बढ़ जाते थे। अब सरकार ने नियम सख्त कर दिए हैं और साथ ही प्रक्रिया को आसान और सस्ती भी बना दिया है ताकि सभी लोग आसानी से इसका पालन कर सकें।

नया कानून क्या कहता है?

2025 से लागू होने वाले इस नए किराया कानून के अनुसार, अगर आप किसी को 11 महीने से ज्यादा समय के लिए घर किराए पर दे रहे हैं, तो रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। कई राज्यों में 1 साल से कम के एग्रीमेंट के लिए भी रजिस्ट्रेशन जरूरी कर दिया गया है। अब सिर्फ वही रेंट एग्रीमेंट मान्य होगा, जो रजिस्टर्ड हो और कानूनी दस्तावेजों के साथ तैयार किया गया हो।

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रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कैसी है?

अगर आप ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाते हैं, तो आपको और किरायेदार को सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर एग्रीमेंट साइन करना होगा। आपको पहचान पत्र, प्रॉपर्टी डिटेल्स, गवाहों की जानकारी और फोटो जैसे डॉक्युमेंट्स लेकर जाने होंगे। स्टाम्प शुल्क जमा करने के बाद एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड किया जाएगा।

अगर आप ऑनलाइन करना चाहते हैं तो और भी आसान है। अपने राज्य की ई-रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर जाकर प्रोफाइल बनाइए, प्रॉपर्टी डिटेल्स भरिए, ऑनलाइन स्टाम्प शुल्क दीजिए, ई-स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट तैयार कीजिए और डिजिटल साइन के साथ डाउनलोड कर लीजिए। मतलब अब घर बैठे रजिस्टर्ड एग्रीमेंट बनाना मुमकिन है।

रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी है?

सबसे पहली बात – ये एक कानूनी दस्तावेज है जो आपके और किरायेदार के अधिकारों की रक्षा करता है। अगर कल को कोई विवाद हो जाए तो कोर्ट में सिर्फ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट की शर्तों को ही माना जाएगा। इससे मौखिक बातों का कोई मतलब नहीं रहेगा और झगड़े से बचा जा सकता है। साथ ही किरायेदार को गैरकानूनी बेदखली से भी सुरक्षा मिलती है।

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महिलाओं को क्या फायदा मिलेगा?

अगर महिला मकान मालिक हैं तो उन्हें स्टाम्प शुल्क में 1% की छूट मिलेगी। इसका मतलब है कि अब रजिस्ट्रेशन कराना और भी सस्ता हो गया है। सरकार चाहती है कि महिलाएं भी प्रॉपर्टी के मामलों में आगे आएं और सुरक्षित रहें।

राज्य अनुसार क्या बदलाव हैं?

हर राज्य की अपनी पॉलिसी है। जैसे उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 11 महीने से ज्यादा वाले एग्रीमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है, जबकि राजस्थान में 1 साल से कम के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है। महाराष्ट्र में तो सभी रेंट एग्रीमेंट रजिस्टर्ड होने चाहिए। स्टाम्प शुल्क और फीस प्रॉपर्टी के मूल्य और अवधि के अनुसार तय होती है।

जरूरी डॉक्युमेंट्स क्या चाहिए होंगे?

आपको और किरायेदार दोनों को आधार कार्ड, फोटो, प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज (जैसे बिजली बिल, टैक्स रसीद), पहचान पत्र, और अगर संभव हो तो गवाहों की जानकारी देनी होगी। सिक्योरिटी डिपॉजिट की रसीद और NOC (अगर हाउसिंग सोसाइटी में है) भी देना जरूरी हो सकता है।

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इस कानून से क्या फायदे होंगे?

रजिस्टर्ड एग्रीमेंट से दोनों पक्षों को कानूनी सुरक्षा मिलती है। अगर कोई विवाद होता है तो कोर्ट में फैसले लिखित शर्तों के आधार पर ही होंगे। मकान मालिक बिना किसी डर के घर किराए पर दे सकेगा, और किरायेदार भी बिना किसी जबरदस्ती के घर में रह सकेगा। महिलाओं को छूट, ऑनलाइन सुविधा और पारदर्शिता जैसी चीजें भी इस कानून को बेहतर बनाती हैं।

किरायेदार और मकान मालिक के अधिकार क्या होंगे?

मकान मालिक किराया समय पर लेने, शर्तें लागू करने और बेदखली की कानूनी प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार रखेगा। वहीं किरायेदार को बिना कारण निकाले जाने से सुरक्षा, शांतिपूर्ण रहने का अधिकार और कोर्ट में न्याय पाने का पूरा हक रहेगा।

स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस कितनी होगी?

ये आपकी प्रॉपर्टी और एग्रीमेंट की अवधि पर निर्भर करता है। सामान्यत: 11 महीने तक के लिए ₹500 से शुरू होकर 1 साल से ज्यादा के लिए ₹20,000 तक जा सकता है। रजिस्ट्रेशन फीस भी ₹1,000 से ₹5,000 तक हो सकती है।

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कुछ जरूरी सुझाव क्या हैं?

हर बार रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट ही बनवाएं, मौखिक समझौतों से बचें। सभी शर्तें लिखित रखें, समय पर स्टाम्प शुल्क भरें, और ऑनलाइन प्रक्रिया का लाभ उठाएं। महिलाओं के लिए छूट का फायदा जरूर लें।

Rent Agreement Registration 2025 एक बड़ा और जरूरी कदम है जो मकान मालिक और किरायेदार दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। अब कोई भी प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के बिना किराए पर नहीं दी जा सकती। तो अगर आप घर देने या लेने की सोच रहे हैं, तो ये कानून जरूर पढ़ लें और कानूनी तरीके से आगे बढ़ें।

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यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। राज्य अनुसार रजिस्ट्रेशन के नियम अलग हो सकते हैं, इसलिए प्रक्रिया शुरू करने से पहले अपने राज्य के नियम जांचें और आवश्यकता पड़ने पर कानूनी सलाह जरूर लें।

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